– पचास हजार रुपए जुर्माना लगाया, एनडीपीएस जज रूपचंद सुथार ने सुनाया फैसला
– टाउन थाना पुलिस ने फरवरी 2019 में की थी कार्यवाही
हनुमानगढ़। न्यायालय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस प्रकरण रूपचंद सुथार ने पोस्त तस्करी के मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए दोषी एक व्यक्ति को पांच साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया। पचास हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। अभियोजन की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच ने पैरवी की। प्रकरण के अनुसार 24 फरवरी 2019 को हनुमानगढ़ टाउन थाना के तत्कालीन प्रभारी पुलिस टीम के साथ गश्त कर रहे थे। गश्त के दौरान पुलिस टीम नौरंगदेसर गांव से करीब 500 मीटर आगे पहुंची तो सडक़ की साइड में एक व्यक्ति पॉलिथीन की थैली में कुछ सामान लेकर पैदल जाता हुआ दिखाई दिया। उसे रोककर नाम-पता पूछा तो उसने अपना नाम महेन्द्र जाखड़ पुत्र मनीराम जाट निवासी वार्ड 7, गांव नौरंगदेसर बताया। महेन्द्र जाखड़ के हाथ में पकड़ी हुई थैली को चैक किया तो उसमें छिलका पोस्त भरा हुआ पाया गया। वजन किया तो कुल 5 किलोग्राम हुआ। महेन्द्र जाखड़ के पास कोई लाइसेंस/परमिट इत्यादि नहीं होने से उसके खिलाफ हनुमानगढ़ टाउन पुलिस थाना में धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया। हनुमानगढ़ जंक्शन पुलिस थाना की ओर से इसमें अनुसंधान किया गया। अनुसंधान में आरोपी महेन्द्र जाखड़ के खिलाफ अंतर्गत धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट में अपराध प्रमाणित माना गया तथा आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 6 गवाह पेश किए गए। विचारण के पश्चात और दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश रूपचंद सुथार ने आरोपी महेन्द्र जाखड़ को बिना लाइसेंस के अवैध पोस्त अपने कब्जे में रखने बाबत धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट में दोषसिद्ध किया। सजा के बिंदु पर सुनवाई की गई। इस पर विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच ने न्यायालय से अभियोजन पक्ष की ओर से अपराध साबित करने एवं हनुमानगढ़ में आए दिन नशे के केस अत्यधिक होने और समाज पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए आरोपी को अधिकतम दंड से दंडित करने का निवेदन किया। दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात न्यायालय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस प्रकरण रूपचंद सुथार ने आरोपी महेन्द्र जाखड़ को धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट में 5 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया। पचास हजार रुपए जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर अदम अदायगी जुर्माना 3 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतने की सजा सुनाई।
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