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छाया स्मॉग, सांस लेना भी हो रहा मुश्किल

हनुमानगढ़। कूड़ा-कचरा व धान के बचे अवशेषों में आग, उद्योगों और ट्रैफिक के धुएं और सडक़ों पर उड़ती धूल ने हनुमानगढ़ की आबोहवा को बिगाड़ दिया है। शुक्रवार को दिनभर शहर के ऊपर स्मॉग की चादर बिछी नजर आई। हवा में घुलते प्रदूषण के जहर के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) स्तर में बढ़ोतरी स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने के लिए काफी है। शुक्रवार को प्रदूषित हवा से लोगों ने आंखों में जलन और सांस लेने में भी तकलीफ महसूस की। स्मॉग से सबसे बड़ी राहत बारिश दे सकती है। धुएं का एक बड़ा कारण किसानों की ओर से धान फसल के अवशेषों को आग लगाना है। जिला प्रशासन की ओर से किसानों को धान फसल के अवशेष न जलाने के लिए जागरूक करने के बावजूद किसान धान फसल के अवशेषों को जला रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। आबोहवा खराब होने के साथ फेफड़ों पर दबाव बढ़ रहा है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। स्वास्थ्य विभाग के हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार जिस एरिया में स्मॉग ज्यादा रहे, वहां मॉर्निंग वॉक पर भी न जाएं। सांस के साथ प्रदूषण शरीर में जाएगा तो इससे स्वास्थ्य बिगड़ेगा। खूब पानी पीना चाहिए। वहीं डॉक्टरों की सलाह है कि प्रदूषण से बचाव के लिए भी मास्क पहनें, ताकि हवा के साथ प्रदूषित कण शरीर में न जाएं।

Naad News
Author: Naad News

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