– शिव तांडव नृत्य ने किया मंत्रमुग्ध, सहयोगकर्ताओं का किया सम्मान,
हनुमानगढ़। सूर्य उपासना के महापर्व छठ के अंतिम दिन सोमवार को आस्था, उल्लास और समर्पण का अनूठा समन्वय छठ घाटों पर नजर आया। हनुमानगढ़ में बड़ी तादाद में रहने वाले पूर्वांचलवासी घाटों पर पहुंचे और उगते सूर्य को अघ्र्य के साथ यह पवित्र पर्व सम्पन्न हो गया। अघ्र्य के बाद व्रती महिलाओं ने पारण किया। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत तोड़ा। इससे पहले सोमवार भोर से व्रती महिलाएं सूर्य के उगने का इंतजार करती रहीं। सूर्य उगा तो ‘उगा हे सूरज देव’ जैसे गाने हर ओर गूंज उठे। सूर्य के उगते ही सुहागिनों ने अघ्र्य दिया। सूर्य को अघ्र्य देने के लिए व्रती महिलाएं कमर तक गहराई में पानी में खड़ी हो गईं। छठ पूजा समापन पर महिलाओं ने छठ मइया के संगीत गाए। घाट पर भगवान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को अखंड सुहाग का टीका लगाया। महिलाओं ने घाट पर आए जरूरतमंद लोगों को अन्न और प्रसाद देकर विदा किया। वहीं, पूर्वांचलवासी प्रसाद की दऊरी और बांस की बहंगी उठाकर घर लौट गए। इसके एक दिन पहले यानी रविवार शाम को पूर्वांचलवासियों ने डूबते हुए सूरज को अघ्र्य दिया था। इस दौरान उत्सव सा नजारा था। इससे पूर्व श्री छठ पूजा समिति की ओर से जंक्शन में चुंगी नम्बर 8, आईटीआई कॉलोनी में छठ महोत्सव एवं जागरण का आयोजन किया गया। छठ महोत्सव का आगाज रविवार को हुआ था। रविवार रात्रि को जागरण हुआ। समिति संरक्षक राकेश राय, गुरदेव जस्सल, समिति व्यवस्थापक प्रदीप पाल, समिति अध्यक्ष राजगिर यादव, सचिव भरत कुमार, कोषाध्यक्ष पवन कुमार, प्रवक्ता गणेश ठाकुर आदि ने पूजा-अर्चना कर भजन संध्या की शुरुआत की। छठ महोत्सव के तहत रविवार रात्रि को आयोजित जागरण में पवन राजा बिहार, लक्ष्मण मेहरा पीलीबंगा, सुनीता राजस्थानी गोलूवाला ने भजनों के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान करण सांवरिया हनुमानगढ़ की ओर से झांकियां दिखाई गयी। इस मौके पर हरीश रामप्रताप सहू, सैन समाज समिति के विजय कृष्ण जाखड़, ओमप्रकाश दिनोदिया, महावीर परिहार, सैन युवा संगठन अध्यक्ष शिवरतन भाटी, विनोद कुमार भाटी, माली सैनी समाज समिति के अध्यक्ष राजकुमार सैनी, पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश, श्रवण सैनी, सतपाल सैनी, जिला परिषद सदस्य मनीष गोदारा, ग्रेविटी इंस्टीट्यूट डायरेक्टर प्रदीप पचार, सर्व ब्राह्मण महासभा जिलाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद शर्मा, संयुक्त सचिव अजय शर्मा, सह सचिव मूलचंद शर्मा, महिला प्रकोष्ठ युवा जिलाध्यक्ष निर्मला शर्मा, माता किताब कौर कॉलेज के भूपेन्द्र लाम्बा, सज्जन बंसल, युवा परिवार वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष विक्रम सिंह रामगढिय़ा, प्रेम सिंह शेखावत, गोविंद सोनी, भूपेन्द्र सिंह, स्वर्णकार समाज समिति के सचिव एडवोकेट दीपक सोनी आदि ने पूजा-अर्चना कर जागरण का शुभारंभ किया। नहरी विभाग के जेईएन संजय यादव, मेट हरी ओम शर्मा ने पानी की व्यवस्थाएं संभाली। 4 दिन तक चले पूजा अनुष्ठानों के बाद सोमवार सुबह ठंडे पानी में डुबकी लगाकर सूर्य पूजा की भव्यता देखते ही बन रही थी। पूर्वांचलवासियों में काफी उत्साह और उमंग देखने को मिला। लोगों ने कहा कि आस्था का ऐसा भव्य और नव्य पर्व और कोई नहीं है। पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन शाम को डूबते सूरज को अघ्र्य और चौथे दिन सोमवार सुबह उगते सूरज को पवित्र जल का अर्क देकर पूजा की इतिश्री हुई। श्री छठ पूजा समिति के व्यवस्थापक प्रदीप पाल ने बताया कि सोमवार को व्रती महिलाओं ने घर में भोग लगाकर आसपास और पड़ोसियों में प्रसाद का वितरण किया। मोहल्ले और नात-रिश्तेदारों के यहां पर ठेकुआ, फल और हलवा आदि भेजा गया। इससे पहले घाटों पर रविवार को भी व्रती रुके रहे। भजनों के जरिए छठी मैया व सूर्यदेव का गुणगान किया गया। घाट पर रंग-बिरंगे बल्बों से आकर्षक सजावट के साथ रोशनी की गई थी। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही यह महापर्व सम्पन्न हो गया। इसके बाद व्रतियों ने अपने घरों में पारण किया। इससे पहले सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने के लिए घाट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। छठ व्रती और उनके स्वजनों ने भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया।
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