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अधिवक्ता के गुण व न्यायालय के प्रति कर्तव्य पर चर्चा

– मूट कोर्ट के विषय पर व्याख्यान व निर्णय पढऩे की प्रतियोगिता आयोजित
हनुमानगढ़। टाउन के नेहरू मैमोरियल विधि महाविद्यालय में सोमवार को मूट कोर्ट के विषय पर व्याख्यान व निर्णय पढऩे की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मूट कोर्ट के इस आयोजन के मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीताराम थे। उन्होंने कहा कि मूट कोर्ट न केवल विधि तृतीय वर्ष के पाठयक्रम में बल्कि विधि प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण है। मूट कोर्ट एक आभाषी न्यायालय होता है, जिसमें छात्र-छात्राएं वाद पत्र तैयार करना, जवाब दावा तैयार करना व न्यायालय में वाद पत्र को प्रस्तुत करना सीखते हैं। उन्होंने दिवानी प्रक्रिया के बारे में भी बताया। सहआचार्य डॉ. केबी ओझा ने मूट कोर्ट व आपराधिक कार्यवाही के बारे जानकारी दी। सहायक आचार्य डॉ. अजवर खान ने अधिवक्ताओं के गुणों व न्यायालय के प्रति कर्तव्यों पर चर्चा की। इसके पश्चात निर्णय पढऩे की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें राज्य बनाम इरफान सेशन प्रकरण संख्या 8/211 अपराध अन्तर्गत धारा 363, 364 (क) व 384 का निर्णय पढ़ा गया। इसमें अभियुक्त इरफान व भीमा को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363, 364 (क) व 384 के अधीन दण्डनीय अपराधों से सन्देह का लाभ दिया जाकर दोषमुक्त किया गया। इस प्रतियोगिता में दुर्गेश अरोड़ा, सुभम वर्मा, रोहन शर्मा, लक्ष्मी, शिवम, आलम सिंह और चन्द्र प्रकाश ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में प्रथम आलम सिंह, द्वितीय चन्द्र प्रकाश एवं तृतीय स्थान पर दुर्गेश अरोड़ा रहे। इस मौके पर महाविद्यालय के सहआचार्य डॉ. बृजेश कुमार अग्रवाल, डॉ. मोहम्मद इमरान, डॉ. कपिल देव, हरीश यादव, विकास चौधरी, दिनेश खोथ, अशोक कुमार सहित महाविद्यालय का अन्य स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

Naad News
Author: Naad News

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